थीम: “धड़कन न छूटे” (Don’t Miss a Beat)
गुरु नानक कॉलेज, देहरादून में विश्व हृदय दिवस 2025 के उपलक्ष्य में एक भव्य और जागरूकता से भरपूर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम थी “धड़कन न छूटे”, जिसका उद्देश्य समाज में हृदय स्वास्थ्य को लेकर चेतना फैलाना और युवाओं को इसके प्रति जागरूक बनाना था।
कॉलेज परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विषयक वार्ताएं, पोस्टर प्रतियोगिता, जागरूकता पदयात्रा और भाषण प्रतियोगिता जैसे विविध आयोजन शामिल रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन B.Sc तृतीय वर्ष की छात्राएँ सोनी और पायल ने अत्यंत सुचारू और आत्मविश्वासपूर्ण ढंग से किया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को ऊर्जा और अनुशासन के साथ आगे बढ़ाया।
छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे पूरे आयोजन में उत्सव का माहौल बना रहा। विशेष रूप से प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक के माध्यम से CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) की विधि को सरल व प्रभावशाली तरीके से दर्शाया गया, जिससे उपस्थित सभी लोग इस जीवनरक्षक तकनीक की जानकारी से लाभान्वित हुए।
सीईओ श्री भूपिंदर सिंह ने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल शैक्षणिक सफलता नहीं, बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास है। हृदय स्वास्थ्य जैसे विषयों पर जागरूकता भविष्य की एक स्वस्थ पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करेगी।” सीओओ श्रीमती विनीत अरोड़ा ने कहा, “ऐसे आयोजनों से छात्र सामाजिक मुद्दों से जुड़ते हैं और जिम्मेदारी को समझते हैं यही शिक्षा का असली उद्देश्य है।” सीएसओ श्री सैथजीत सिंह ने कहा, “हमें गर्व है कि हमारे छात्र समाज को सकारात्मक दिशा में प्रेरित कर रहे हैं। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता हर नागरिक का कर्तव्य है।” रजिस्ट्रार डॉ. ललित कुमार ने कहा, “हृदय केवल शरीर का नहीं, जीवन का केंद्र है। इसकी देखभाल स्वयं से प्रेम की पहली सीढ़ी है।” निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल ने कहा, “गुरु नानक कॉलेज शिक्षा के साथ जीवन मूल्यों को भी समान महत्व देता है। यह आयोजन उस प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
नर्सिंग प्रिंसिपल सुश्री लोलीता लाल ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, “हृदय हमारे जीवन की लय है। जब तक यह सही गति में है, जीवन भी सजीव और सुंदर रहता है। छात्र-छात्राओं की भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि युवा पीढ़ी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और संकल्पित है। हर धड़कन एक नई शुरुआत है – आइए हम सभी उस हर धड़कन को एक स्वस्थ जीवन के लिए समर्पित करें।”
कार्यक्रम की सफलता का श्रेय आयोजन समिति, शिक्षकों और सबसे अधिक छात्रों की सक्रिय सहभागिता को जाता है। यह आयोजन न केवल एक जागरूकता कार्यक्रम था, बल्कि एक स्वस्थ, जागरूक और जिम्मेदार समाज की ओर उठाया गया ठोस कदम भी रहा।


