देहरादून, उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ के निर्देश पर, विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने हरिद्वार में सक्रिय कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में गैंग के दो प्रमुख सदस्यों, मनीष बॉलर और पंकज अष्टवाल को गिरफ्तार किया गया है। इन पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और जमीन हड़पने जैसे गंभीर आरोप हैं।
एसटीएफ को पिछले कुछ महीनों से प्रवीण वाल्मीकि गैंग के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं। प्रवीण वाल्मीकि, जो पहले सुनील राठी गैंग का सदस्य था, जेल में रहते हुए भी अपने गुर्गों के माध्यम से हरिद्वार में करोड़ों की जमीन और पार्किंग पर अवैध कब्जा कर रहा था। एसटीएफ की जांच में पता चला कि गैंग ने कई हत्याएं और हमले भी किए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ श्री नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि इस गैंग ने 2018 में श्याम बिहारी की करोड़ों की संपत्ति हड़पने के लिए उनके भाई कृष्ण गोपाल की हत्या कर दी थी। बाद में, श्याम बिहारी की पत्नी रेखा पर दबाव बनाया गया और उनके भाई सुभाष पर जानलेवा हमला किया गया। डर के मारे परिवार ने रुड़की छोड़ दिया। इसके बाद, गैंग ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर संपत्ति बेच दी। इसी तरह, 2022 में, कनखल क्षेत्र के संदीप कुमार एरोन की 3.5 करोड़ रुपये की संपत्ति को भी कब्जाने की कोशिश की गई, जिसमें प्रवीण वाल्मीकि के भतीजे मनीष बॉलर और संजय चांदना शामिल थे।
एसटीएफ ने थाना गंगनहर में प्रवीण वाल्मीकि सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एसटीएफ की टीम ने देर रात गंगनहर क्षेत्र में दबिश देकर मनीष बॉलर (40) और पंकज अष्टवाल (30) को गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ में कई अन्य फर्जीवाड़े और संलिप्त लोगों के बारे में जानकारी मिली है, जिन पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। एसटीएफ का कहना है कि प्रवीण वाल्मीकि गैंग द्वारा किए गए अन्य भूमि संबंधी मामलों की भी जांच की जा रही है। यह कार्रवाई उत्तराखंड में संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस की एक बड़ी जीत मानी जा रही है।