देहरादून, 25 अगस्त। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में सात दिवसीय राष्ट्रीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई। इस एफडीपी के तहत ‘धातु के अपक्षय का उन्नत विश्लेषण‘ चर्चा का विषय रहेगा।
एफडीपी के पहले दिन धातु अपक्षय की जटिलताओं, उसकी उन्नत विश्लेषण तकनीकों और व्यावहारिक समाधानों पर गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिंदर सिंह ने कहा कि धातु मानव सभ्यता का अभिन्न अंग है। औद्योगिक उपकरणों की मजबूती से लेकर परिवहन साधनों की विश्वसनीयता और मेडिकल इंप्लांट की जीवनदायिनी भूमिका तक इसका अस्तित्व हर क्षेत्र में रचा बसा है। उन्होंने कहा कि धातु अपक्षय न केवल एक तकनीकी चुनौती है बल्कि मानव सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा एक वैश्विक मुद्दा भी है। उन्होंने उन्नत तकनीकों और रियल टाइम मॉनिटरिंग को अनिवार्य बताते हुए कहा कि धातु की अप्रत्याशित प्रकृति, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और खाद्य उद्योग से जुड़ी जटिलताएं आज इस क्षेत्र की गंभीर चुनौतियां हैं ।
सप्ताह भर चलने वाले इस एफडीपी के दौरान विषय से जुड़े विविध ऑनलाइन और ऑफलाइन सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रतिभागी इन सत्रों में ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से जुड़ेंगे।
यह एफडीपी ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स ने आयोजित की। कार्यक्रम का संचालन डा. गोपाल जी शर्मा और डा. मानवेंद्र कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एचओडी डा. कपिल कुमार शर्मा, डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के एचओडी डा. फतेह सिंह गिल के साथ डा. देशबंधु सिंह, डा. किरण शर्मा अन्य शिक्षक शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।