*देहरादून।* भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि जनता के सवालों की अवाज उनके चुने प्रतिनिधि होते है और जमीन से लेकर सदन तक प्रखरता से मुद्दों पर लड़ते हैं, लेकिन कांग्रेस कब कौन से तुगलकी फरमान पर चले कहा नही जा सकता है। गैरसैंण सत्र मे आर पार की लड़ाई करने का दंभ भर रहे कांग्रेस नेता अभूतपूर्व ढंग से सदन मे सो गए और बड़े नेता इसे उपलब्धि बताकर उनका सम्मान कर रहे है जो कि हास्यास्पद है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के बयान पर टिप्पणी करते हुए चौहान ने पूछा कि गैरसैंण सत्र से आये दो नेताओं और विधायकों को महिमामंडित कर वह किस उपलब्धि के लिए सम्मानित कर रहे है ? सदन मे सवाल उठाने के बजाय निंद्रामग्न होना क्या पुरस्कार का मानक है? जनता ने उन्हे क्या सदन मे सोने के लिए चुना था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों का यह कृत्य संविधान के अलावा जनता के प्रति भी गैर जिम्मेदाराना कदम है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सामने यह आम जनता का सवाल है कि वह किसकी लड़ाई लड़ रही है। सड़क, विधुत, जल, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर नकारात्मक टिप्पणी करती रही कांग्रेस जब सरकार से सवाल पूछ सकती थी तो उसने प्रश्न काल को नही चलने दिया। माइक तोड़ने या मेज पलटने से वह फुले नही समा रही है और उन्हे हीरो की उपाधि दी जा रही है, लेकिन जनता को इससे कोई फर्क नही पड़ता, क्योकि उसे विकास चाहिए और कांग्रेस दुष्प्रचार की नाव पर वैतिरिणी पार करने की सोच रही है।
चौहान ने कहा कि सदन मे पक्ष और विपक्ष सार्थक चर्चा से विकास की गति को आगे बढ़ा सकती है। पहले गैरसैंण मे सत्र न होने पर तमाम आरोप और सत्र का आयोजन हुआ तो हंगामा कर सदन नही चलने दिया। कांग्रेस यह भी स्पष्ट नही कर सकती कि उसने जनता के मुद्दों पर चर्चा क्यों नही की। पंचायतों के मुद्दे पर सीएम के कमिश्नरी जांच और एफआईआर की सीबीसीआईडी जांच के निर्देश के बाद भी कांग्रेस ने जवाबदेही से बचने के लिए सदन न चलने देने की रणनीति अपनाई।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के लिए आत्म मंथन का सवाल है कि वह गैरसैंण मानसून सत्र मे गैरसैंण सत्र मे किस लिए शरीक हुई। प्रदेश मे दैवीय आपदा से लोग कराह रहे है और सरकार कई मोर्चों पर राहत अभियान मे जुटी है। लेकिन कांग्रेस नेताओं के सामने यह सभी विषय स्वार्थपरक राजनीति के सामने गौण है। जनता कांग्रेस की जवाबदेही तय करेगी।