चमोली
मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड वन संसाधन प्रबन्धन परियोजना जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक आहूत की गयी। जिसमें उत्तराखण्ड वन संसाधन प्रबन्धन परियोजना के तहत वित्त पोषित ऐजन्सी जापान इन्टरनेशनल कॅारपोरेशन ऐजन्सी(जायका) के अर्न्तगत वर्ष 2013-14 प्रारम्भ राज्य के कुल 9 जनपदों एवं 13 वन प्रभागों में चल रही है जिसकी मुख्यतः तीन इकाईयां हैं (1) परियोजना प्रबन्धन इकाई (2) प्रभागीय प्रबन्धन इकाई (3) क्षेत्रीय प्रबन्धन इकाई ।
बैठक में उपस्थित डीएफओ अलकनन्दा वनप्रभाग प्रियंका सुण्डली ने बताया कि उत्तराखण्ड में जून 2013 में आयी भीषण दैवीय आपदा से कई स्थानों में वन क्षेत्रों के अन्तर्गत बड़े पैमाने में भू-स्खलन हुए हैं तथा वन मार्ग, भवन व अन्य इन्फ्रास्ट्रचर क्षतिग्रस्त हुए हैं। ऐसे आरक्षित वनों, सिविल/सोयम वनों एवं वन पंचायतों के प्रबन्धन के अधीन आने वाले पंचायती वनों की दशा में सुधार की आवश्यकता को देखते हुये निम्न मुख्य उद्देश्यों के साथ प्रारम्भ कार्य प्रारम्भ किया गया, (1) वन संसाधनों की वृद्वि उनके संवर्द्वन/ईको रेस्टोरेशन करना। (2)ग्रामीणों के आजीविका संसाधनों में वृद्वि करना।(3) ग्राम स्तर पर ग्रामीणों की आजीविका गतिविधि से आय में वृद्वि करना।(4) स्थानीय समुदाय, वन पंचायतों व वन कर्मियों का क्षमता विकास करना आदि। उन्होंने आगे जानकारी देते हुये बताया कि वर्ष 2014 से वन पंचायत स्तर पर परियोजना कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में किया गया जो कि वर्तमान तक जारी है।
मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने सभी रैखीय विभागों को निर्देश देते हुये बताया कि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोंगों तक पहुँचायें एवं इस प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन सभी सम्बन्धित विभाग आपसी सम्न्वय कर इसका अधिक से अधिक लाभ आम जनमानस तक पहुँचाने का प्रयास करें, साथ ही उन्होंनें डीएफओ अलकनन्दा वनप्रभाग प्रियंका सुण्डली को निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में अपनें सभी इन्पुट शासन स्तर को उपलब्ध करायें।
इस दौरान बैठक में परियोजना अधिकारी आन्नद सिंह भाकुनी, जिला विकास अधिकारी के0के पन्त, मुख्य उद्यान अधिकारी नितेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे।