देहरादून, ग्राफिक एरा में विशेषज्ञों ने धातु क्षरण के मूल सिद्धांतों से लेकर उन्नत विश्लेषण तक की बारीकियां सिखाई। एफडीपी के छठे दिन तेल एवं गैस पाइपलाइन में क्षरण दक्षता का मूल्यांकन चर्चा का विषय रहा।
आज ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय एफडीपी के समापन समारोह में कुलपति डा. नरपिंदर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा धातु क्षरण जैसे विषय का महत्व केवल शैक्षणिक शोध तक सीमित नहीं है बल्कि इसका औद्योगिक क्षेत्र में अत्यंत व्यापक उपयोग है। उन्होंने कहा की नई तकनीकों के आगमन से इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं खुली है और उद्योग जगत को ऐसे प्रशिक्षित शोधकर्ताओं एवं शिक्षकों की आवश्यकता है जो आधुनिक दृष्टिकोण और वैज्ञानिक समझ के साथ काम कर सकें।
इस अवसर पर सीएसआईआर – आईआईपी देहरादून के सीनियर साइंटिस्ट डा. आसीश कुमार ने कहा कि तेल एवं गैस पाइपलाइन में क्षरण दक्षता का मूल्यांकन केवल तकनीकि आवश्यकता नहीं बल्कि यह ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक प्रगति के लिए भी अनिवार्य है। उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से आधुनिक कोटिंग तकनीक, कैथोडिक प्रोटक्शन सिस्टम और एआई आधारित मॉनिटरिंग के महत्व को साझा किया।
सप्ताह भर चले इस एफडीपी के दौरान विभिन्न विषयों से जुड़े विविध ऑनलाइन और ऑफलाइन सत्र आयोजित किए गए। एफडीपी में विविध कार्यशालाओं का आयोजन हुआ, जिसने प्रतिभागियों को नवीनतम दृष्टिकोण और व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया। प्रतिभागी इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से जुड़े।
यह एफडीपी ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और डिपार्टमेंट आॅफ फिजिक्स ने आयोजित की। कार्यक्रम का संचालन डा. गोपाल जी शर्मा और डा. मानवेंद्र कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एचओडी डा. कपिल कुमार शर्मा, डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के एचओडी डा. फतेह सिंह गिल के साथ डा. देशबंधु सिंह, डा. किरण शर्मा अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।