देहरादून/दिल्ली।
नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार विरोधी जेनरेशन-ज़ेड के उग्र प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। देशभर में फैले इस हिंसक आंदोलन में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
काठमांडू सहित कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में तोड़फोड़ और आगजनी की। वाहनों को भी आग के हवाले किया गया। इस बीच, नेपाल के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल ने भी सरकार की कार्रवाई पर असहमति जताते हुए इस्तीफा दिया। पौडेल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “युवाओं ने सुशासन और न्याय की मांग की, लेकिन उन्हें गोलीबारी का सामना करना पड़ा, यह उचित नहीं है।”
हिंसा के चलते चौथा काठमांडू कलिंग साहित्य महोत्सव, जो 13–14 सितंबर को होना था, स्थगित कर 14–15 फरवरी 2026 तक टाल दिया गया है। महोत्सव में 60 से अधिक भारतीय और 200 नेपाली लेखक भाग लेने वाले थे। आयोजक रश्मि रंजन परिदा ने कहा कि वर्तमान माहौल में आयोजन करना न तो सुरक्षित है और न ही सम्मानजनक।
इस बीच त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। हवाई अड्डा प्राधिकरण के महाप्रबंधक हंसराज पांडे के अनुसार, कोटेश्वर इलाके में धुएं के कारण चालक दल की आवाजाही प्रभावित हुई। घरेलू एयरलाइंस बुद्ध एयर सहित अन्य कंपनियों ने सुरक्षा कारणों से उड़ानें स्थगित कर दी हैं। राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और सेना को तैनात किया गया है, लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
इधर, पड़ोसी देश में बिगड़ते हालात को देखते हुए उत्तराखंड में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नेपाल से लगी सीमाओं की सुरक्षा और संभावित प्रभावों को लेकर आपात समीक्षा बैठक बुलाई।
बैठक में सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एडीजी इंटेलिजेंस, कुमाऊं कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं, तथा चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधम सिंह नगर जिलों के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे।
सीएम धामी ने अधिकारियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने, खुफिया तंत्र को और सक्रिय करने तथा शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश