ऋषिकेश, केंद्र सरकार ने ऋषिकेश के गंगा कॉरिडोर क्षेत्र में विद्युत अवसंरचना को आधुनिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। आरडीएसएस (Revamped Distribution Sector Scheme) योजना के तहत, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) को एचटी/एलटी (उच्च और निम्न तनाव) लाइनों के भूमिगतकरण और एससीएडीए (SCADA) ऑटोमेशन के लिए 547.73 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना के अनुमोदन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर का आभार व्यक्त किया है, बताते हुए कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया था।
यह परियोजना ऋषिकेश जैसे आध्यात्मिक, पर्यटन और कुंभ क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। इसके अंतर्गत, शहर के प्रमुख क्षेत्रों में सभी विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा, जिससे न केवल शहर का सौंदर्य बढ़ेगा बल्कि सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन भी बेहतर होगा। इसके साथ ही, एससीएडीए ऑटोमेशन प्रणाली की स्थापना से बिजली आपूर्ति में पारदर्शिता, निगरानी और किसी भी खराबी की स्थिति में त्वरित सुधार की क्षमता विकसित होगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “ऋषिकेश के लिए यह परियोजना केवल विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं करेगी, बल्कि नगर की सुंदरता, सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उत्तराखंड सरकार इस परियोजना को समयबद्ध रूप से लागू करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, ताकि प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण, सतत और सुरक्षित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
यह परियोजना, जिसका कुल परिव्यय ₹547.73 करोड़ है (जिसमें समानांतर जीबीएस के लिए ₹493.05 करोड़ और पीएमए शुल्क के लिए ₹8.22 करोड़ शामिल हैं), पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) द्वारा अनुमोदित की गई है। इस कदम से ऋषिकेश की विद्युत वितरण प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाने में मदद मिलेगी, जिससे यह एक स्मार्ट और सुरक्षित शहर के रूप में उभरेगा।